भारतीय रेलवे हर साल लाखों यात्रियों को सफर का मौका देता है, जिसमें बुजुर्ग यात्रियों का बड़ा हिस्सा है। कोरोना महामारी से पहले रेलवे टिकट बुक करते समय सीनियर सिटीजन के लिए खास छूट मिलती थी, जिससे उनका सफर सस्ता हो जाता था। कई लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि 2025 में फिर से 60 साल से ज़्यादा उम्र वाले व्यक्तियों को ट्रेन टिकट पर 50% की छूट मिलेगी। क्या वाकई ऐसा हो रहा है? यहां मिलेगा पूरी जानकारी, सरकारी संदर्भ के साथ।
2020 में जब कोरोना आया, रेलवे ने बुजुर्गों को गैर-ज़रूरी सफर से बचाने के लिए उनकी टिकट छूट स्थगित कर दी थी। तब से कई सांसद, यात्रियों और संगठनों ने रेलवे मंत्रालय से छूट फिर शुरू करने की मांग की है। लेकिन वास्तविकता क्या है, ये जानना ज़रूरी है।
रेलवे सीनियर सिटीजन डिस्काउंट 2025: मुख्य बात
भारतीय रेलवे में सीनियर सिटीजन छूट का इतिहास लंबे समय से रहा है। कोविड आने से पहले, 60 साल और अधिक उम्र के पुरुष यात्रियों को रेल टिकट पर 40% छूट, और 58 साल से ऊपर की महिलाओं को 50% तक की छूट मिलती थी। यह छूट मेल, एक्सप्रेस, राजधानी जैसी अधिकांश ट्रेनों के सभी क्लास में लागू थी।
लेकिन 2020 के बाद से सरकारी आदेश के अनुसार यह छूट रद्द कर दी गई। हर साल संसद में सरकार से छूट दोबारा शुरू करने का सवाल पूछा जाता है। आइये, देखिए मौजूदा हालात और सरकारी अपडेट:
योजना का नाम | रेलवे सीनियर सिटीजन टिकट छूट |
लागू होने की उम्र | पुरुष: 60+, महिला: 58+ |
छूट प्रतिशत | पुरुष: 40%, महिला: 50% |
लागू श्रेणियाँ | मेल, एक्सप्रेस, राजधानी आदि |
वर्तमान स्थिति | छूट फिलहाल बंद |
छूट बहाल होने की संभावना | पुनः विचाराधीन संसद में |
सरकारी सब्सिडी | औसतन 45% सभी यात्रियों को |
अन्य छूट | दिव्यांग, छात्र, रोगी वर्ग |
निर्णय प्रक्रिया | स्थायी समिति की सिफारिश |
रेलवे डिस्काउंट की प्रमुख बातें (2025)
- कोविड महामारी के बाद से सीनियर सिटीजन छूट प्रभावी नहीं है।
- सरकार फिलहाल सभी यात्रियों को टिकट पर औसतन 45% सब्सिडी देती है, मतलब सेवा लागत के ₹100 में केवल ₹55 किराया लिया जाता है।
- दिव्यांग, छात्र, गंभीर रोगियों जैसी श्रेणी को छूट अभी जारी है।
- संसद की स्थायी समिति ने स्लीपर और थर्ड एसी में बुजुर्गों को फिर छूट देने की सिफारिश की है, पर कोई अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है।
सीनियर सिटीजन टिकट छूट का लाभ कैसे मिलता था?
- टिकट बुकिंग के समय उम्र प्रमाण (आधार/पैन आदि) दिखाना होता था।
- ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग में ‘सीनियर सिटीजन’ विकल्प चुनना जरूरी था।
- छूट के बाद टिकट कीमत 40% या 50% घट जाती थी।
बुजुर्गों के लिए सिफारिश और ताज़ा सरकारी रुख
- सीनियर सिटीजन छूट बहाल करने की मांग संसद में बार-बार उठ रही है।
- सरकारी जवाब के अनुसार, “रेल मंत्रालय समिति की सिफारिश पर पुनः विचार कर रहा है।”
- फिलहाल कोई तिथि या गारंटी नहीं दी गई है कि कब छूट वापस आएगी।
- सरकार का तर्क है कि पहले से ही हर यात्री को बड़ी सब्सिडी दी जा रही है, जिससे टिकट सस्ती रहती है।
महत्वपूर्ण कीवर्ड और बातें
- रेलवे सीनियर सिटीजन छूट
- 60 साल के ऊपर पर छूट
- 50% रेल टिकट छूट
- स्लीपर/थर्ड एसी क्लास छूट
- रेलवे सब्सिडी
- दिव्यांग, छात्र, मरीज छूट
क्या 2025 में सीनियर सिटीजन को टिकट पर छूट मिलेगी?
- अभी तक सरकार ने कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है।
- सिफारिशों पर चर्चा चल रही है, खासकर स्लीपर और थर्ड एसी में।
- उम्मीद है कि संसद की सिफारिशों पर नीति बन सकती है, लेकिन कोई लिखित सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ है।
- सरकारी सब्सिडी हर यात्री को मिल रही है, इसके अलावा अलग से बुजुर्गों के लिए छूट बहाल नहीं है।
सीनियर सिटीजन रेल टिकट छूट – फायदे और चुनौतियां
फायदे:
- बुजुर्गों का सफर पहले हुआ करता था सस्ता।
- अधिक छूट से सामाजिक सुरक्षा व सम्मान बढ़ता है।
- रेल सफर और यात्राएं आसान हो जाती थीं।
चुनौतियां:
- रेलवे का खर्च बढ़ता है।
- छूट बहाल करने से बजट पर दबाव आता है।
- सरकार हर यात्री को सब्सिडी देकर संतुलन साधने की कोशिश कर रही है।
रेलवे बुजुर्ग छूट 2025: सारांश
- कोविड से पहले वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में छूट थी।
- 2020 के बाद से यह छूट बंद है।
- संसद में बहाल करने की मांग बार-बार उठती है।
- फिलहाल कोई लिखित घोषणा नहीं कि कब छूट वापस आएगी।
Disclaimer:
यह लेख भारतीय रेलवे, संसद की स्थायी समिति व रेल मंत्रालय की आधिकारिक दस्तावेज, संसद प्रश्न/जवाब एवं प्रेस रिलीज (2025) पर आधारित है। मौजूदा समय में कोई भी रेलवे सीनियर सिटीजन छूट लागू नहीं है; केवल सब्सिडी मिल रही है। सोशल मीडिया पर वायरल किसी “नई योजना” या भारी छूट की खबरें अतिरेक या भ्रामक हो सकती हैं। वास्तविक जानकारी केवल सरकारी साइट या संसद दस्तावेज़ में ही प्रमाणित है। कृपया ऑफिशियल रेलवे वेबसाइट या संसद में पूछे गए सवाल ही मान्य मानें।